Wednesday, October 15, 2008

पूनम जी रो पड़ी ....

आज सुबह हिन् बात हुई पूनम जी से वो बहुत दुखी थी. इधर पिछले २-३ दिन से सूरज का दवा खत्म हो गया था . और मैं भी अभी तक पूनम जी को पैसे भेज नही पाया था . इन पिछले २-३ दिन में पूनम जी ने पटना में बहुत सारे लोगों का दरवाजा खटखटाया पटना में पर कोई भी आगे नही आया सूरज की दवा के लिए आगे . यहाँ तक की उनके आँख से आँसू भी निकल आए फ़िर भी किसी पत्थर दिल इन्सान का दिल नही पसीजा . उसके बाद वो आखिर में खेतान मार्केट के मालिक के पास गए और काफी मिन्नत करने के बाद उन्होंने ५ दिन के दवा के लिए पूनम जी को पैसा दिया . ये सब जानकर बहुत दुख हुआ ...

मैं भी क्या करूँ जैसा की आपलोग देख रहे हैं की पिछले 2-3 महीने से बहुत हिन् कम्लोगों का सहयोग आ रहा है. आज हिन् कुछ यहाँ-वहां से उधार ले कर मैंने पूनम जी को दवा के लिए पैसे भेज दिए हैं. पर कबतक ऐसा चलेगा कब तक हम सूरज को राहू की नजर से बचा पायेंगे यह एक यक्ष प्रशन बन गया ....पर हमारी कोशिश तो जारी रहेगी ....आगे जो भी होगा देखा जायेगा ...

आज सूरज के लिए पटना में एक कमरा भाड़े पर ले लिए . इस कार्य में कौशलेश सर ने हमारी मदद की. कौशलेश सर के हम आभारी है. आशा है की 1 सप्ताह के अन्दर सूरज का पटना में रहने का पुरा बंदोबस्त हो जाएगा.

पटना में रहने का खर्च भी तक़रीबन 2,000 रूपये आएगा. देखते हैं आगे हमलोग किस तरह सूरज की मदद कर पाते हैं ....

4 comments:

PD said...

Apane apna bank account yah de rakha hai -
Guneshwar Anand
A/C No. 016501513442
ICICI Bank, Gandhinagar Branch.

magar jab main ise apne account me add karne gaya to Gandhinagar me 2-3 branches hone ke karan accept nahi kiya..
kya aap apna IFSC Code de sakte hain?

ganand said...

Prashant ji, aapko IFSC code maine mail kar diya hai. Waise Gandhinagar mein 1 hin branch hai ICICI ka.

Dhanyawad.
Guneshwar Anand.

Chandan said...

Guneshwar Ji, I have bought one month supply of medicines for saroj(except Tacrograf & Cellcept) If possible send me the company's name that manufactures these two medicines.
Let me know where to send these medicines. Keep up the good work.

chandan

ganand said...

Thanks a lot Chandan ji, will let you know the company name and other details over phone. Thanks once again....

Regards,
GuneshwarAnand.